(आपातकाल के दौरान)
भयानक होती है रात जब कुत्ते रोते हैं लेकिन उससे भी भयानक होती है रात जब कुत्ते हँसते हैं सुनो क्या तुम्हें सुनाई देती है किसी के हँसने की आवाज।
हिंदी समय में नरेश सक्सेना की रचनाएँ